12th fail (अनुराग पाठक की किताब 12th Fail पर आधारित) फिल्म रिव्यू

12th fail फिल्म रिव्यू 

आज के समय में जहां मार्कशीट, फर्राटेदार अंग्रेजी, या सोशल मीडिया फॉलोवर्स पर सामने वाले को ‘जज’ किया जाता है, वहां ‘हार नहीं मानूंगा, रार नई ठानूंगा..’ इरादे से कई मुश्किलों का सामना करते हुए चंबल की गलियों से निकलकर आईपीएस अफसर बनने वाले मनोज कुमार की कहानी के साथ फिल्म ’12वीं फेल’ हमें सही मायने में जिंदगी की परीक्षा में पास होने का जज्बा सिखाती है।अक्‍सर लोग बुनियादी सुविधाएं न होने का रोना रोते हैं। वहीं, कुछ मेहनतकश इन परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्‍य को हासिल करके ही दम लेते हैं। इनमें चंबल से ताल्‍लुक रखने वाले आइपीएस मनोज कुमार शर्मा (IPS Manoj Kumar Sharma) भी शामिल हैं। गरीबी, कमजोर आर्थिक स्थिति को उन्‍होंने अपने सपनों के आड़े नहीं आने दिया। अपने जज्‍बे और कड़ी मेहनत के दम पर उन्‍होंने अपने लक्ष्‍य को हासिल किया। विधु विनोद चोपड़ा निर्देशित फिल्म एक छात्र के संघर्ष और जज्बे की कहानी है। कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता जो ट्वेल्थ फेल फिल्म का सार है। इसकी कहानी आइपीएस मनोज कुमार शर्मा के जीवन पर आधारित है।

कलाकार Star-Cast

विक्रांत मैसी , मेधा शंकर , अंशुमान पुष्कर , अनंत जोशी , हरीश खन्ना , संजय बिश्नोई , विकास दिव्यकीर्ति और प्रियांशु चटर्जी।
15 साल के लड़के से लेकर 25-26 साल के आईपीएस अफसर तक का सफर दिखाने के लिए जो ‘फिजिकल ट्रांसफॉर्मेशन’ की जरुरत थी, वो विक्रांत मेस्सी ने बखूबी दिखाया है। मनोज कुमार शर्मा की भूमिका में विक्रांत मैसी कामयाब हैं। उनके किरदार में अलग-अलग शेड्स हैं, एक तरफ वह ऐसी जगह से निकले हैं, जहां पढ़ाई के नाम पर नकल से परीक्षा पास कराई जाती है। दूसरी तरफ दिल्ली में यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी के लिए लाइब्रेरी से लेकर आटा चक्की में काम करते हैं।14 घंटे काम, छह घंटे पढ़ाई और चार घंटे नींद, फिर गांव में मां और परिवार की चिंता, जेब में पैसे नहीं इन सबके बीच पढ़ाई और परीक्षा विक्रांत ने पूरी शिद्दत से खुद को इन तमाम हालात में ढाला है। उनकी प्रेमिका के रूप में मेधा शंकर, उनके दोस्त के रूप में अनंतविजय जोशी, कई बार यूपीएससी की परीक्षा पास करने की कोशिश कर चुके अंशुमान पुष्कर और उनकी प्रेरणा बनने वाले पुलिस अफसर प्रियांशु चटर्जी ने अपनी भूमिकाएं सधे ढंग से निभाई हैं।
लेखक विधु विनोद चोपड़ा (अनुराग पाठक की किताब 12th Fail पर आधारित)

निर्देशक Director :- विधु विनोद चोपड़ा

एक किताब को फिल्म के जरिए लोगों के सामने लाने के लिए एक प्रभावशाली स्क्रीनप्ले की जरुरत होती हैं और विधु विनोद चोपड़ा ने ये काम शिद्दत से किया है। इस फिल्म के निर्देशक होने के साथ-साथ वो 12वीं फेल के प्रोड्यूसर भी हैं। साल 2020 में रिलीज हुई विधु विनोद चोपड़ा की कश्मीर पंडितों की कहानी पर आधारित फिल्म शिकारा कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई थी, लेकिन इस फिल्म के बाद तय हुआ था कि ये मशहूर निर्देशक भविष्य में वास्तविक कहानियों से प्रेरित फिल्में बनाएंगे।3 साल बाद उन्होंने 12वीं फेल रिलीज की और इस फिल्म से उन्होंने हमें शिकायत का मौका नहीं दिया, दमदार संवाद के साथ-साथ विधु विनोद चोपड़ा इस कहानी को सच्चाई के करीब रखने की कोशिश करते हैं। क्रिएटिव लिबर्टी के नाम पर वो मनोज-श्रद्धा को रोमांस दिखा सकते थे।लेकिन मसाला-ड्रामा के तड़के बिना इमोशंस का सही इस्तेमाल करते हुए उन्होंने ये फिल्म बनाई है और यही पर वो आधी लड़ाई जीत गए हैं,बची हुई आधी लड़ाई विक्रांत मेसी उन्हें जीताते हैं।

कहानी Story-line

कहानी का आरम्भ गांव में रहने वाले मनोज (विक्रांत मैसी) द्वारा 12वीं की परीक्षा पास करने को लेकर नकल के लिए पर्चियां बनाने से होता है। स्‍थानीय विधायक द्वारा संचालित स्‍कूल में पढ़ रहे मनोज को यकीन होता है कि नकल के दम पर वह पास हो जाएगा, लेकिन अचानक से डीएसपी दुष्‍यंत सिंह (प्रियांशु चटर्जी) स्‍कूल पहुंच कर प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर ले जाते हैं।उधर, उसके ईमानदार पिता को सरकारी नौकरी से निलम्बित कर दिया जाता है। वह अपने मामले को चुनौती देने अदालत जाते हैं। इस दौरान घर की जिम्‍मेदारी मनोज और उसका भाई संभालते हैं। घटनाक्रम मोड़ लेते हैं, मनोज भी दुष्‍यंत की तरह ईमानदार पुलिस आफिसर बनना चाहता है।बीए पास करने के बाद उसके इस निर्णय का उसकी दादी (सरिता जोशी) समर्थन करती है। ग्‍वालियर होते हुए मनोज दिल्‍ली के मुखर्जी नजर पहुंचता है। जहां शुरू होता है उसका असली संघर्ष।

रिव्यू रिव्यू और रेटिंग

IMDb रेटिंग : 9.3/10
चंबल से शुरू होने वाली यह कहानी इस मायने में अलग है कि हीरो यहां अपने ईमानदार पिता की नौकरी जाने, स्थानीत नेता द्वारा उसके और भाई की आजीविका छीन लेने पर बंदूक नहीं उठाता बल्कि वह ईमानदार पुलिस अफसर (प्रियांशु चटर्जी) से प्रेरणा लेता है, तय करता है कि दिल्ली जाकर पढ़ेगा और पुलिस अफसर बनेगा। हालांकि इस कहानी में लव स्टोरी और दोस्ती भी अहम भूमिका निभाती है, लेकिन इससे पहले लेखक-निर्देशक आपको दिल्ली में यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने वाले बच्चों के जीवन संघर्ष, उनकी जिजिविषा और सपनों को टूटते या पूरा होते दिखाते हैं, विधु विनोद चोपड़ा ने पूरे माहौल का खूबसूरती से रचा है। 12वीं फेल निश्चित ही एक प्रेरणादायी कहानी है, लेकिन मनोरंजन भी करती है। फिल्म देखने के बाद आप कुछ सोचते हुए ही उठते हैं भले ही, असंभव कुछ नहीं जैसी बात आपके मन में रहती है, मगर सफलता के शिखर तक की कठिन यात्रा भी यहां सामने दिखती है। जो व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्तर पर निचोड़ लेती है. फिल्म में यूपीएससी की तैयारी करते हुए हीरो का रात-दिन आटा चक्की में काम करना, उसके पाटों के बीच पिसने की तरफ ही संकेत करता है. यह बताता है कि इस परीक्षा से गुजरना कितना कठिन है. विधु विनोद चोपड़ा का ये मास्टरपीस हर किसी को जरूर देखनी चाहिए और खासकर बच्चों को युवाओं को क्योंकि आज सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की इस दुनिया में लाइक, शेयर, सब्सक्राइब में ही दुनिया सिमटने लगी है। बच्चे का जन्म होते ही उसका सोशल मीडिया पर अकाउंट बना दिया जाता है, इस दौर में पढ़ाई का महत्व समझाने वाली इस फिल्म को देखना जरुरी है।

कहाँ देखें

विक्रांत मैसी की '12वीं फेल' इस साल की बेहतरीन फिल्मों में से एक है। 27 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई इस फिल्म का बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन शानदार रहा, दर्शकों और क्रिटिक्स की तरफ से फिल्म को खूब सराहा गया। इस फिल्म को 29 दिसंबर को ओटीटी प्लेटफॉर्म disney+ हॉटस्टार पर रिलीज किया गया है, आप इसे disney+ हॉटस्टार जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर देख सकते हैं।
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